hello दोस्तों, मैं एक बार फिर से आप लोगो के लिए अपनी एक नई पोस्ट और नई जानकारी लेकर हाजिर हो गया हूँ. जैसा की आप सभी जानते है की सावन का महीना चल रहा है. और इस महीने में शिवरात्रि मनाई जाती है लेकिन आपको क्या मालूम है की हम लोग शिवरात्रि क्यों मानते है. शिवरात्रि के पीछे का इतिहास क्या है.आज मैं आप लोगो को इसी के बार में बताने जा रहा हूँ.
सवां के महीने में आप लोगो ने देखा होगा की बहुत से शिव भकत कावड़ लेने के लिए हरिद्वार, केदारनाथ, बद्रीनाथ के लिए चल देते है और वहाँ से गंगा नदी का जल लेकर अपने घर को वापस रवाना होते है. आखिर में शिवरात्रि के दिन सुबह सुबह वही गंगा जल अपने पास के किसी मंदिर में बने हुए शिवलिंग पर चढ़ाते है. लेकिन बात ये आती है की हम लोग शिवरात्रि मनाते क्यों है. आइये जानते है
इससे पहले मैं आप लोगो को बता चूका हूँ की 15 अगस्त क्यों मनाया जाता है और साथ म ऑय भी बता चुका हूँ की लोहड़ी का त्यौहार क्यों मनाया जाता है. अगर आप लोगो ने मेरी वो पोस्ट अभी तक नहीं पढ़ी है तो ऊपर पिले रंग के link पर click कर के आप मेरी वो पोस्ट पढ़ सकते है. फिलहाल अभी मैं आपको शिवरात्रि के बारे में बताने जा रहा हूँ.
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श्री मद्भागवत में एक प्रसंग है की किसी भगवान् के कहने पर सभी देव और देत्यो के द्वारा समुन्द्र मंथन किया गया और ये तय हुआ की इस समुन्द्र मंथन से जो कुछ भी प्राप्त होगा उसे बारी बारी से देव और देत्यो में बात दिया जायेगा. समुन्द्र मंथन में बहुत सी चीजे निकली जिन्हे देवो और देत्यो में बात गया लेकिन एक समय ऐसा आया जब उस समुन्द्र मंथन से विष निकला.
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विष इतना जहरीला था की उसे सूंघने मात्र से देव और दैत्य बेहोश हो गए थे. तब भगवान् ने बताया की इस दुविधा का हल केवल भगवान् शिव जी ही कर सकते है. भगवान् के आदेशानुसार शिव जी ने उस विष को ग्रहण किया लेकिन पिया नहीं . उस विष को शिवजी जी ने अपने गले में ही रखा जिस कारण उनका गला नीला हो गया. तब से शिवजी जी को नीलकंठ के नाम से भी जाना जाता है. और इसी कारण से शिवरात्रि भी मनाई जाती है.
लेकिन एक बात मैं आप लोगो को बता देना चाहता हूँ की आज शिवजी जी के नाम से अनेको नशीले पर्दार्थो का सेवन किया जा रहा है जो की बिलकुल गलत है. शिवजी जी ने संसार की रक्षा के लिए जहर पिया था लेकिन आज उसी जहर के नाम पर alcohal वगैरह का सेवन किया जाए रहा है. मैं आप सभी से गुजारिश करूंगा की इस चीज को बंद किया जाये.
तो आप लोगो को समझ में आ गयी होगी की शिवरात्रि क्यों मनाई जाती है. अगर आप लोगो को मेरी इस पोस्ट को लेकर कोई भी बात पूछनी हो तो आप मुझे comment box में comment कर के पूछ सकते है. मैं आपकी हर comment का जल्दी ही reply करूँगा. धन्यवाद
tag lines :- shivratri kyo manayi jati hai, why we celebrate shivratri, shivratri ka festival kyo hota hai, shivatri ka itihaas kya hai, shivratri manane ka kya karan hai.
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शिवरात्रि क्यो मानते है |
सवां के महीने में आप लोगो ने देखा होगा की बहुत से शिव भकत कावड़ लेने के लिए हरिद्वार, केदारनाथ, बद्रीनाथ के लिए चल देते है और वहाँ से गंगा नदी का जल लेकर अपने घर को वापस रवाना होते है. आखिर में शिवरात्रि के दिन सुबह सुबह वही गंगा जल अपने पास के किसी मंदिर में बने हुए शिवलिंग पर चढ़ाते है. लेकिन बात ये आती है की हम लोग शिवरात्रि मनाते क्यों है. आइये जानते है
इससे पहले मैं आप लोगो को बता चूका हूँ की 15 अगस्त क्यों मनाया जाता है और साथ म ऑय भी बता चुका हूँ की लोहड़ी का त्यौहार क्यों मनाया जाता है. अगर आप लोगो ने मेरी वो पोस्ट अभी तक नहीं पढ़ी है तो ऊपर पिले रंग के link पर click कर के आप मेरी वो पोस्ट पढ़ सकते है. फिलहाल अभी मैं आपको शिवरात्रि के बारे में बताने जा रहा हूँ.
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:- कैसे जाने की आपकी girlfriend कब और कहाँ जा रही है
:- अपनी photo और video को हमेशा के लिए save कैसे करे
:- होली का त्यौहार करो मनाया जाता है
:- phone का cover लेते समय किन बातो का ध्यान रखे
श्री मद्भागवत में एक प्रसंग है की किसी भगवान् के कहने पर सभी देव और देत्यो के द्वारा समुन्द्र मंथन किया गया और ये तय हुआ की इस समुन्द्र मंथन से जो कुछ भी प्राप्त होगा उसे बारी बारी से देव और देत्यो में बात दिया जायेगा. समुन्द्र मंथन में बहुत सी चीजे निकली जिन्हे देवो और देत्यो में बात गया लेकिन एक समय ऐसा आया जब उस समुन्द्र मंथन से विष निकला.
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:- paytm mall से shopping कैसे करे
:- phone की battery का backup कैसे बढ़ाये
:- blog post में photo upload कैसे करे
:- लड़की से whatsapp पर किस तरह की बात करनी चाहिए
विष इतना जहरीला था की उसे सूंघने मात्र से देव और दैत्य बेहोश हो गए थे. तब भगवान् ने बताया की इस दुविधा का हल केवल भगवान् शिव जी ही कर सकते है. भगवान् के आदेशानुसार शिव जी ने उस विष को ग्रहण किया लेकिन पिया नहीं . उस विष को शिवजी जी ने अपने गले में ही रखा जिस कारण उनका गला नीला हो गया. तब से शिवजी जी को नीलकंठ के नाम से भी जाना जाता है. और इसी कारण से शिवरात्रि भी मनाई जाती है.
लेकिन एक बात मैं आप लोगो को बता देना चाहता हूँ की आज शिवजी जी के नाम से अनेको नशीले पर्दार्थो का सेवन किया जा रहा है जो की बिलकुल गलत है. शिवजी जी ने संसार की रक्षा के लिए जहर पिया था लेकिन आज उसी जहर के नाम पर alcohal वगैरह का सेवन किया जाए रहा है. मैं आप सभी से गुजारिश करूंगा की इस चीज को बंद किया जाये.
तो आप लोगो को समझ में आ गयी होगी की शिवरात्रि क्यों मनाई जाती है. अगर आप लोगो को मेरी इस पोस्ट को लेकर कोई भी बात पूछनी हो तो आप मुझे comment box में comment कर के पूछ सकते है. मैं आपकी हर comment का जल्दी ही reply करूँगा. धन्यवाद
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